चेहरे की सादगी, दिल की गहराई से निकलने वाला एक जादू है।
इस लेख में पढ़िए 70 से भी ज़्यादा दिल छू लेने वाली शायरियाँ, जो मासूमियत, नर्मी और खामोश खूबसूरती को अल्फ़ाज़ देती हैं। चाहे आप किसी ख़ास को याद कर रहे हों या बस सादगी की तारीफ़ करना चाहें — ये शायरी आपके जज़्बातों को सही अंदाज़ में बयां करेंगी। हर शेर में है एहसास, हर लफ़्ज़ में है सुकून।
🌸 ना लिपस्टिक, ना ज़ेवर, ना कोई साज़ थी,
फिर भी वो सबसे हसीं, सबसे खास थी।
🌸 उसकी आँखों में मासूम दास्ताँ थी,
और बातों में बस एक सीधी सी जहां थी।
🌸 सादगी ओढ़े थी जैसे वो रौशनी,
जिसे देख लगे — यही असली ख़ूबसूरती।
🌸 चेहरा उसका बिना मेकअप भी निखरा था,
सादगी में ही पूरा चाँद उतरा था।
🌸 बिना बोले भी जो सब कह जाए,
वो लड़की सादगी में रब दिखा जाए।
🌸 नाज़ भी है उसमें, अदब भी है,
और सादगी में ही असर भी है।
🌸 उसके पहनावे में ना थी कोई झलक रेशमी,
फिर भी उसकी चाल लगे बादलों जैसी।
🌸 हर बार जब वो चुप रहती है,
दिल की धड़कन कुछ और कहती है।
🌸 सादगी उसकी पहचान बन गई,
ना चाहते हुए भी जान बन गई।
🌸 सजधज से परे, वो खुद में थी खास,
उसकी सादगी ने ही छीना हर एहसास।
🌸 उसके लफ्ज़ों में ना था कोई छल,
फिर भी हर बात लगती थी ग़ज़ल।
🌸 सादगी उसकी आदत नहीं, फितरत थी,
वो जितनी दिखती थी, उससे कहीं ज़्यादा हसरत थी।
🌸 ना माँगा कभी तालीफ़ों का शोर,
फिर भी हर दिल ने उसे किया ज़रूर याद ज़ोर।
🌸 नज़रों में हया, लहजे में मिठास,
वो लड़की नहीं — थी कोई रूहानी प्यास।
🌸 हर रोज़ उसे देखा एक नए अंदाज़ में,
पर सादगी वही थी — बस और भी पास में
सादगी में जो बात होती है,
वो झलक किसी खास बात होती है।
ना ज़ेवर, ना साज की ज़रूरत रही,
उसकी मुस्कान ही सबसे खूबसूरत रही।
जो बिना कहे समझ जाए,
वो सादगी दिल को भा जाए।
सादा लिबास, सादा अंदाज़,
फिर भी सबसे जुदा है उसका अंदाज़।
सादगी को जिसने ओढ़ लिया,
समझो उसने खुदा को छू लिया।
ना रंगों की बात, ना रौशनी की तलाश,
उसकी सादगी में ही था पूरा प्रकाश।
दिल जीतना हो तो सादगी रखो,
दुनिया तो दिखावे से भरी पड़ी है।
सादगी उसका गहना थी,
हर बात में इक गहराई सहना थी।
भीड़ में भी वो अलग नज़र आया,
क्योंकि उसके पास सिर्फ़ सादगी का साया।
शब्द कम थे, असर ज़्यादा था,
वो सादगी में भी एक ज़िंदा क़िस्सा था।
ना काजल, ना गहनों की ज़रूरत थी उसे,
उसकी सादगी ही सबसे हसीन सज़ा थी उसे।
हर लफ़्ज़ में शराफ़त, हर अदा में नज़ाकत,
सादगी में भी वो रखती थी मोहब्बत की शान।
चुप रहकर भी वो सब कुछ कह जाती थी,
उसकी सादगी ही तो सबसे ख़ास बात थी।
वो आई ज़िंदगी में बिना शोर किए,
और सादगी से ही दिल को चोर किए।
सादा लिबास, आँखों में नूर,
वो लड़की जैसे हो खुदा का दस्तूर।
हवा सी थी, नर्म, बेआवाज़,
पर उसकी सादगी ने कर दिया दिल पर राज़।
ना कोई अदा, ना बनावट की बात,
उसकी सादगी ही थी उसकी सबसे प्यारी बात।
लोग कहते हैं हुस्न में असर होता है,
मैंने उसकी सादगी में ही क़हर देखा है।
वो सादगी से मुस्कुरा देती है,
और दिल सुकून से भर जाता है।
उसकी नज़रों में शर्म थी, लफ्ज़ों में हया,
ऐसी सादगी कम देखी, जो लगे खुदा की दुआ।
ना शबाब की आरज़ू, ना हुस्न का घमंड था,
उसकी सादगी ही उसकी सबसे बड़ी चमक थी।
ना शीशे की तरह थी, ना कोई परछाईं,
वो लड़की बस सादगी की कहानी थी पुरानी।
जो हँसी में भी खामोशी रखे,
वो सादगी में बसी एक किताब लगे।
उसने कुछ कहा भी नहीं और सब कुछ कह गई,
शायद यही सादगी की सबसे हसीं अदा है।
बाल खुले थे, चेहरे पे चाँद जैसा नूर,
बिना किसी सज़ावट के भी लगती थी हज़ारों में दूर।
सादा सी बातों में गहराई रखती है,
वो लड़की ख्वाब नहीं, सच्चाई रखती है।
उसके होने से मौसम बदल जाते हैं,
सादगी की वो मिसाल बन जाती है।
ना लिपस्टिक, ना महंगे कपड़े,
फिर भी सबसे जुदा लगे — ये होती है सादगी।
दिल को जो सुकून दे, वो नज़ारा है,
उसकी सादगी ही मेरा इश्क़ दोबारा है।
जिसकी चुप्पी भी कुछ कह जाती है,
वो लड़की सादगी में रब दिखा जाती है।
🌿 "सादगी सबसे बड़ी शोभा है — जो इसे अपनाता है, वो दिलों में बस जाता है।"
🌿 "सादगी में जो ताक़त है, वो दिखावे में नहीं मिलती।"
🌿 "जिस जीवन में सादगी होती है, वहाँ शांति अपने आप आ जाती है।"
🌿 "महल नहीं, मन सुंदर होना चाहिए — और मन की सुंदरता सादगी से आती है।"
🌿 "सादा रहो, सच्चे रहो — यही ज़िंदगी की असली खूबसूरती है।"
🌿 "सादगी वो आईना है जिसमें असली इंसानियत दिखाई देती है।"
🌿 "दुनिया को दिखाने से अच्छा है खुद को समझना — यही सादगी की राह है।"
🌿 "कम बोलो, सच्चा बोलो — यही सादगी की असली पहचान है।"
🌿 "सादगी वो गहना है जिसे पहनने की ज़रूरत नहीं, सिर्फ़ जीने की ज़रूरत होती है।"
🌿 "जहाँ सादगी होती है, वहाँ दिखावा नहीं — और जहाँ दिखावा नहीं, वहाँ सुकून होता है।"
🌿 "सादगी तब और भी खूबसूरत लगती है, जब इंसान का दिल भी उतना ही साफ़ हो।"
🌿 "जो खुद को नहीं बदलता दुनिया के लिए — वही सादगी में जीना जानता है।"
🌿 "सादगी दिखती नहीं, महसूस होती है — और यही इसकी सबसे बड़ी ताक़त है।"
🌿 "सादा ज़िंदगी, ऊँचे खयाल — यही तो असली अमीरी है।"
🌿 “जिसे दिखाने की ज़रूरत नहीं पड़ती — वही असल सुंदरता होती है, वही सादगी होती है।”
चेहरे पे ना था कोई नूर का साज़,
फिर भी दिखा उसमें जन्नत का अंदाज़।
बातों में ना थी कोई चालाकी,
बस सादगी थी, और मासूम सी बेताबी।
नज़रें झुकीं, और लब खामोश,
फिर भी लगा वो हर अल्फ़ाज़ से जोश।
ना काजल, ना गहनों की बात थी,
चेहरे की मासूमियत ही सौगात थी।
हवा चलती तो ज़ुल्फ़ें बिखर जातीं,
वो मुस्कुराती तो फिज़ा निखर जाती।
जिसे देख के दिल थम सा जाए,
वो मासूम चेहरा कैसे भुलाए?
ना शोख़ी, ना नखरे, ना कोई अदा,
फिर भी लगे सबसे जुदा, सबसे बड़ा वफ़ा।
उसके चेहरे पे सादगी का उजाला था,
जैसे भोर की किरणों में कोई प्याला था।
ना थी बनावट, ना कोई नकाब,
मासूमियत में ही छुपा था उसका जवाब।
झुकी नज़रों में थी एक अलग सी बात,
सादगी से ही लिख दी मोहब्बत की शुरुआत।
चेहरे पर उसके थी खामोश रौशनी,
जैसे चाँद भी कहे, "कितनी है ये सजीनी!"
वो हँसी जो दिल को छू जाए,
सादगी में डूबी, मासूमियत बरसाए।
वो सादगी लिए हुए जब सामने आया,
मेरा हर ज़ख़्म जैसे खुद से शरमाया।
ना ज़ेवरों का शौक, ना कोई बनावट,
उसकी मुस्कान में ही चाँद लहराया।
नज़रें झुकी हुईं, लबों पे ख़ामोशी,
मगर हर अदा में दिल भर के समाया।
चली हवा तो ज़ुल्फ़ें बिखर गईं यूँ,
जैसे खुदा ने शाम को फिर से सजाया।
जो देख ले, वो देखता रह जाए,
उस सादगी ने कैसा जादू चलाया।
मक़ता (तख़ल्लुस):
'रूह' उसकी बातों में बसती है शायद,
मैंने सादगी में इश्क़ को पाया।
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